
रेवाड़ी 25 सितंबर (पवन कुमार)। जब सपने बड़े हों और आँखे छोटी हो तो सामने जो तस्वीर नज़र आती है, वह किसी छण का अहसास कराती है । ऐसे व्यक्ति किसी के सहारे अपनी मंजिल को देखते हैं काश, ऐसा होता, पर कुछ हो न हो वह अपने से ज्यादा दूसरों पर निर्भर है, ऐसे ही एक शख्स है, गांव बेरियावास निवासी धर्मेन्द्र यादव का जन्म 5 जुलाई 1983 में एक सामान्य से परिवार में हुआ। धर्मेन्द्र की सोच बेशक़ सामाजिक हो, लेकिन फिर भी जीवन चलाने के लिए पैसे की जरूरत होती ही है और यही मजबूरी ने उन्हें विजय सोमाणी के संपर्क में ले आई, तब से लेकर अब तक विजय सोमाणी के साथ ही है,दूसरे शब्दों में कहें, अगर कोई विजय सोमाणी के नजदीक हैं तो वह केवल धर्मेन्द्र, वह भी उस समय,जब सब विजय सोमाणी का साथ छोड़ गये । धर्मेंद्र यादव वर्तमान समय में राष्ट्रीय नव चेतना के जिलाध्यक्ष हैं और इसके साथ ही कुछ जिम्मेदारी उनके ऊपर कॉलेज की भी है। वह आठ -दस गांवों के जेल प्रभारी के रूप में भी काम कर चुके है। उनकी सामाजिक सोच और विजय सोमाणी के प्रति निष्ठा में कहीं भी कमी नहीं। उन्होंने ड्रग्स के खिलाफ अभियान भी चलाया और नशा खोरो कों नशा करने के खिलाफ जागरूक भी किया l उन्होंने सड़क और स्ट्रीट लाइट जैसी समस्या भी उठाई ।