
रेवाड़ी, 22 सितम्बर (मोनिका फोगाट)l दिनांक: 22 सितंबर, 2025 वंचित बाल शिक्षा अभियान के तत्पावधान में कौनसी वास रेवाड़ी रोड़ की झुग्गियों में कई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने मिलकर बच्चों को नैतिक शिक्षा और संस्कार देने का कार्यक्रम किया। इस कार्यक्रम के संयोजक रहे सामाजिक कार्यकर्ता अनिल आर्य पाल्हावास ने बताया कि इन अभावग्रस्त बच्चों के लिए वे और उन के साथी शाम को 4:00 से 7:30 तक दैनिक संध्याकालीन निशुल्क शिक्षा पाठशाला चलाते हैं और वहां पर उन्होंने हर रविवार को बच्चों में नैतिक शिक्षा और संस्कार भरने का यह कार्यक्रम शुरू किया है। इस सेवा का लाभ उठाने वाले इन झुग्गियों से बच्चे 12वीं (10+2) तक सरकारी स्कूलों में जाते हैं।
2 घंटे चले इस कार्यक्रम में संबोधित करने वाले मुख्य वक्ता थे सर्वश्री आर्य समाज रेवाड़ी के प्रधान सेवानिवृत प्रधानाचार्य राम तीर्थ, वीर भगत सिंह युवा क्लब के अध्यक्ष दिनेश कपूर, टाटा इंडस्ट्रीज भिवाड़ी के मैनेजर दलीप खुराना, मिशन आफ एजुकेशन के प्रतिनिधि ध्रुव केश, एस एस पी ग्लोबल जॉब फाउंडेशन के वरिष्ठ पत्रकार पवन कुमार और मंच संचालक अनिल आर्य
प्रधानाचार्य राम तीर्थ जी ने अपने सार गर्भित व्याख्यान में वेदों के मंत्र- ‘मातृभाव,पितृमान,आचार्य मान पुरुषों वेद:’पर प्रकाश डालकर बच्चों को अपने माता-पिता और शिक्षक का मान सम्मान करने, और आज्ञा मानते हुए जीवन में उन्नति के लिए प्रेरित किया।दिनेश कपूर जी ने अपनी निराली लाफटर थेरेपी के जरिए बच्चों में हंसते-हंसाते हुए शेयरिंग और केयरिंग अर्थात अपने सुख को मिलकर बांटना और एक दूसरे की देखरेख करने का भावपूर्ण संबोधन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की खुशियां बांटने से बढ़ती हैं और गम बांटनें से घटते हैं।
ध्रुव केश जी ने महात्मा बुद्ध के उपदेश- ‘शुद्ध आचरण के साथ जियो और जीने दो’ पर प्रकाश डालकर बच्चों का मार्गदर्शन किया।पवन कुमार वरिष्ठ पत्रकार ने रेवाड़ी के विधायक लक्ष्मण यादव के नेतृत्व में आई लव रेवाड़ी स्वच्छता अभियान और उसमें उपायुक्त एवं डीएमसी रेवाड़ी के प्रशंसनीय योगदान के बारे में बताकर अपनी झुग्गियों के आसपास सफाई के लिए बच्चों को प्रेरित किया।
अंत में अनिल आर्य ने शुरू हुए नवरात्रों के बारे में बताया कि 9 दिनों के कड़े संग्राम के बाद दुर्गा माता द्वारा नरकासुर राक्षस का वध किया गया था। इसलिए यह 9 दिन हमारी बच्चियों और मातृशक्ति के लिए आत्मरक्षार्थ प्रशिक्षण और समाज में दुष्टों के दमन की सधन तैयारी का व्रत लेने के लिए हैं। हमारी मातृशक्ति अपनी संतानों को शेर की तरह बहादुर बनाएगी तभी वह शेरां वाली मां कहलाएंगी और दुर्गा माता की सच्चे अर्थों में जय जयकार होगी और इन नवरात्रों में उसकी सार्थक पूजा होगी।
अंत में वहीं कॉलोनी के एक गुप्त दान कर्ता दम्पति द्वारा मिष्ठान वितरण के साथ वंचित बच्चों का यह कार्यकम हर्षोल्लास पूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ और हर रविवार को इसी समय होता रहेगा।
— अनिल आर्य पाल्हावास
