
रेवाड़ी, 09 सितम्बर (पवन कुमार)। 12 सितम्बर को एक बार फिर है अनसुलझा विवाद सुलग सकता है, लगभग तीन महीने पहले उठा था जो दिन प्रति बढ़ता जा रहा है और आज भी ज्यूँ का त्यूं बना हुआ है, रेवाड़ी विधानसभा का एक जुड़वाँ गांव रामगढ़-भगवानपुर, इस समय अनेक पार्टियों कीराजनीति का अखाडा बना हुआ है । रामगढ़-भगवानपुर वासीयों ने राव इंद्रजीत के वादा खिलाफ़ी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, उन्होंने कहा है कि जब तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकल जाता तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे और रामगढ़-भगवानपुर अगले लोकसभा चुनाव तक राजनैतिक अखाडा बना रहेगा, जिसमें जोर अजमाईस चलती रहेगी। राव इंद्रजीत सिंह अपने अहम् के कारण माफ़ी नहीं मांगेगे और भाजपा सरकार स्वयं नहीं चाहेगी की यह मुद्धा समाप्त हो, ताकि राव इंद्रजीत सिंह की पकड़ कमजोर हो । आज भी रामगढ़-भगवानपुर के लोग अपनी बात पर अड़े हुए हैं।अब सवाल यह है कि रामगढ़-भगवानपुर वासी अपनी बात को हरियाणा सरकार तक पहुँचाना चाहते है,और यह विधायक के माध्यम से ही हो सकता है, वो ही इस मामले में हरियाणा सरकार से पेहरवी कर सकते है। रामगढ़-भगवानपुर वासी रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण यादव को आगे कर राव इंद्रजीत सिंह को अपना निशाना बनाना चाहते है । अब सवाल यह है कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे, राव इंद्रजीत तो शेर हैं। रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण यादव तो गाय है, गाय कसाई खाने में कट तो सकती है पर शेर का विरोध नहीं कर सकती, गाय किसी से सींग नहीं अलझा सकती। गाय बिल्ली के गले में कभी घंटी नहीं बांध सकती,राव इंद्रजीत तो अहीरवाल के शेर है, गाय अगर बढ़ी तो शेर का नवाला भी बन सकती है । रामगढ़-भगवानपुर वासी गाय रूपी रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण यादव को कह रहे है, जा शेर को धमाका के आ । मरखनी गाय होती तो कोशिश भी करती पर, रेवाड़ी विधायक तो सीधे-सादी भोली गाय है, जिसने ना जमीन मांगी, ना अस्पताल बनाने की बात कहीं और ना ही उनका अस्पताल बनाने का विरोध किया, फिर भी वह विधायक होने की सज्जा भुगत रहे है। अभी लक्ष्मण इतने शक्तिशाली नहीं हुए है,क्यों कि अभी उनके पास कोई मंत्री पद नहीं है और रामगढ़-भगवानपुर वाले लक्ष्मण को इंद्रजीत के सामने लाकर इंद्रजीत के हाथों मुरछित करवाना चाहते है।