
रेवाड़ी, 18 सितंबर(पवन कुमार)। हिंदी पत्रकारिता के मसीहा बाबू बालमुकुंद गुप्त राष्ट्रीयता के सजग प्रहरी और नवजागरण के अग्रदूत थे। हिंदी पत्रकारिता, साहित्य एवं भाषा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। ये विचार रेवाड़ी के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने आज इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के पटेल भवन में व्यक्त किए। वे यहां बाबू बालमुकुंद गुप्त स्मृति समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर दिलबाग सिंह की। हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, पंचकूला के हिंदी तथा हरियाणवी प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी मुख्य वक्ता तथा पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ साहित्यकार डॉ संतराम देशवाल(सोनीपत) व गुप्त जी के प्रपौत्र बिमल गुप्त विशिष्ट अतिथि रहे। परिषद के संरक्षक नरेश चौहान ‘राष्ट्रपूत’ ने स्वागत अध्यक्ष की भूमिका निभाई। विचार गोष्ठी, बाबू बालमुकुंद गुप्त पुरस्कार तथा पुस्तक लोकार्पण इस समारोह के मुख्य आकर्षण रहे। बाबू बालमुकुंद गुप्त पत्रकारिता एवं साहित्य संरक्षण परिषद (पंजी) रेवाड़ी, अकादमी तथा विवि की बाबू बालमुकुंद गुप्त पीठ की संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में प्रदेशभर से साहित्यकारों में भाग लिया।
इस अवसर पर विधायक ने परिषद की लंबित मांगों को प्रदेश सरकार से प्राथमिकता से पूरा करवाने का आश्वासन दिया। अध्यक्षीय संबोधन में कुलसचिव प्रोफेसर दिलबाग सिंह ने विश्वविद्यालय की पीठ के माध्यम से गुप्तजी पर बहुआयामी कार्य करवाने की प्रतिबद्धता दोहराई। दीपार्चन के साथ प्रारंभ हुए इस समारोह में परिषद अध्यक्ष ऋषि सिंहल ने शाब्दिक अभिनंदन, बाबू बालमुकुंद पीठ की अध्यक्ष प्रोफेसर रोमिका बत्रा ने पीठ परिचय,रेडियो सिंगर दलबीर फूल ने स्वरांजलि तथा युवा कवि मुकुट अग्रवाल ने काव्य पाठ किया।
समारोह में जहां अकादमी के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए हरियाणवी बोली को भाषा बनाने की की अकादमी की कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की तथा गुप्त जी का भावपूर्ण स्मरण किया, वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर बोलते हुए पद्मश्री से अलंकृत वरिष्ठ साहित्यकार डॉ संतराम देशवाल ने पीठ के दायित्व एवं गुप्त जी रचनाधर्मिता पर बेहद प्रासंगिक शोधपरक जानकारी दी।
समारोह में गुप्त जी के प्रपौत्र बिमल गुप्त के सौजन्य से पांच पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें जाने-माने दिवंगत हास्य कवि अल्हड़ बीकानेरी को मरणोपरांत बाबू बालमुकुंद गुप्त कोहेनूर सम्मान का अलंकृत किया गया, जिसे उनके सुपुत्र दिनेश शर्मा तथा पुत्रवधू अंजू शर्मा ने ग्रहण किया। हिंदी व हरियाणवी के लिए गुप्तजी के नाम से चार वरिष्ठ रचनाकारों प्रख्यात कथाकार व समालोचक रत्नकुमार सांभरिया (जयपुर), कथाकार-कवि प्रोफेसर रमेश सिद्धार्थ (रेवाड़ी) उपन्यासकार-लेखक डॉ मधुकांत (रोहतक) तथा हरियाणवी कवि डॉ. त्रिलोकचंद फतेहपुरी (महेंद्रगढ़) को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर क्षेत्र के साहित्यकारों हलचल हरियाणवी, विजयपाल सेहलंगिया, मास्टर राम अवतार, दर्शना शर्मा जिज्ञासु ,अरविंद भारद्वाज, मोनिका यादव, डॉ. त्रिलोक चंद फतेहपुरी, सत्यवीर नाहड़िया, प्रोफेसर रोमिका बत्रा की नव प्रकाशित कृतियों का लोकार्पण भी किया गया। समारोह में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत बाबूजी बालमुकुंद गुप्त सप्ताह मनाने वाले करीब दर्जन शिक्षण संस्थानों की प्रतिनिधियों को विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया। परिषद के महासचिव साहित्यकार सत्यवीर नाहड़िया के संचालन में आयोजित इस समारोह में आयोजन समिति की ओर से डॉ प्रवीण खुराना, मनोज गोयल,अजय यादव,हेमंत सिंहल, संजय सहगल,आचार्य रामतीर्थ, तेजभान कुकरेजा, राजेश भुलक्कड़ मुकेश जांगड़ा,खूबराम धूपिया,अजय यादव,यतिन चारण ने विभिन्न प्रभार संभाले।
इस अवसर पर डीआईपीआरओ दिनेश कुमार, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. रमेशचंद्र शर्मा, डॉ. राजकला देशवाल, राजेंद्र यादव आजाद, कैलाश करनावास,श्रीनिवास शास्त्री, सुधीर भार्गव, राजकुमार जलवा, अनिल कुमार, डॉ कर्णसिंह, डॉ जागीर नागर, डॉ रामौतार एकलव्य, प्रेमपाल अनपढ़, त्रिभुवन भटनागर के अलावा विश्वविद्यालय तथा केएलपी कॉलेज रेवाड़ी के पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग की विद्यार्थी एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।